रक्षक (भाग : 06)
रक्षक भाग : 06
शाम हो चुकी थी। युद्ध समाप्ति की घोषणा भी हो चुकी थी, पर अर्थ और बाकी सब वहां से हिले तक नही, undead दहाड़ता हुआ अपनी असली रूप में आकर वापस चल दिया। अर्थ को यकीन नही हो रहा था कि जिस रक्षक के बारे में वो किस्से सुना करता था वो undead के सामने युध्द में एक दिन भी नही टिका।
अब युद्धस्थल की दशा बद से बदतर नज़र आ रही थी, केवल धूल ही धूल और उसमें बिखरे हुए योद्धाओं के क्षत-विक्षत मृत शव, जेन्डोर ग्रह का एक बड़ा भू भाग इस युद्ध मे झोंका गया था, वहां के पर्वत, पहाड़, नदी , झरने सबके नामोंनिशान मिट गए, धूल उड़कर आसमान तक जा रही थी, चारो तरफ़ धूल ही धूल थी जिसमे बिखरे हुए कुछ महान योद्धा खुद को संभाल कर उठ रहे थे।
undead के इन महाशक्तिशाली वारो को ये योद्धा भी नही झेल सके, जो एक ग्रह को भी चुटकी बजाने जितनी आसानी से समाप्त कर सकते थे।
सब उठते ही रक्षक की ओर भागे। अंश रक्षक के शरीर से वो भाला निकालने का भरसक प्रयास करने लगा परन्तु असफल रहा, जाने क्यों वो भाला ऐसा व्यवहार कर रहा था जैसे वो रक्षक के शरीर का अंग हो। स्कन्ध ने भी कोशिश की परन्तु वह भी असफल रहा। अर्थ के मुख से शब्द नही निकल रहे थे। वो अपने भाई के मौत का बदला नही ले पाया और रक्षक भी अपने युद्ध के पहले ही दिन undead के एक साधारण वार का शिकार होकर मारा गया, परन्तु रक्षक मर गया इसपर किसी को यकीन नही हो रहा था।
रक्षक को भूमि पर लिटाकर अर्थ वहां से उठा, वह क्रोध और दुख से भरा हुआ था ।
“ऐसा कैसे संभव है, क्या रक्षक एक मामूली से राक्षस के हाथों मारा गया? ये हमारी रक्षा करने आया था। इसके साथ बाकी सब भी आये, जब रक्षक खुद की रक्षा नही कर सका तो हमारी रक्षा क्या करेगा..!” - अर्थ क्रोधमिश्रित वेदना भरे स्वर में बोला ।
“Undead कोई मामूली राक्षस नही है अर्थ, वो अंधेरे के सबसे महाशक्तिशाली सेवको में से एक है। वो हमेशा से ऐसा नही था, परन्तु…., उसे वरदान प्राप्त है कि उसे कोई नही मार सकता।”- जय बोला
“4J आप चारो महान योद्धा और खोजी हैं, अब बताओ उसे कौन रोकेगा..? क्या किसी मे इतना सामर्थ्य है जो undead को काली शक्तियों सहित रोक सके?”- अर्थ ने 4j से पूछा।
“उसे वही रोकेगा, जो उसे रोकने आया था, अर्थ! तुम चिंता न करो” - जैक मुस्कुराकर बोला।
“ कौन… रक्षक! वो तो खुद को ही नही बचा पाया, और इतनी बड़ी मुसीबत में भी आप लोग इतने सामान्य कैसे हैं? मुझे कुछ समझ नही आ रहा उफ्फ्फ...।”- अर्थ झुंझलाकर बोला।
“वो रक्षक को मौत देकर नही, अपनी मौत का फरमान तय करके गया है, उसने ब्रह्म शक्ति के वरदान को सही से समझा नही, अब वह अहंकार में चूर है इसलिए उसे मारा जा सकता है।” - जॉर्ज ने कहा।
“कभी कहते हो वो अमर है, कभी कहते हो वो मारा जा सकता है, कभी अपने ग्रह पर नही आते, फिर भी ग्रह के सबसे बड़े योद्धा हो.. मुझे ये सब, कुछ भी समझ नही आ रहा है” - अर्थ अब और झुंझला गया था।
“हाँ! ये सत्य है उसे ब्रह्म शक्ति से अमरता मिली हुई है, परन्तु हर वरदान में उसकी काट छिपी होती है, हम बस उसी काट को ढूंढ रहे थे” - जैक ने कहा।
“मुझे विस्तार से बताएंगे ये undead है क्या? कौन है? उसके पास इतनी ताकत कैसे है कि आप सब उससे छिपते फिर रहे थे, और सबसे बड़ा सवाल ब्रह्म शक्ति किसी काली ताक़त का साथ देने वाली को अनश्वरता क्यों प्रदान करेगी?”- अर्थ ने बड़ी उत्सुकता से पूछा।
“सब बताते हैं, तनिक ठहरो, हम वही पता करने गए हुए थे, हमने यूनिक की मदद से सब कुछ पता कर लिया है, अब बस किसी तरह रक्षक को होश में आ जाने दो, कोई इसके सीने में से भाला तो निकाल दो यार” - जीवन बोला।
“हमने बहुत कोशिश की, पर पता नही क्यों ये भाला ऐसे व्यवहार कर रहा है जैसे उसके शरीर का अंग हो, वो बाहर ही नही निकला।” - अंश बोला।
“आप लोग इतने विश्वास से कैसे कह सकते हैं कि रक्षक मरा नही है, मैंने खुद जाँच की है उसकी नब्ज़ रुक चुकी है।” - अर्थ बोला।
“हमारे पास तुम्हारे हर सवाल का जवाब है अर्थ!, हम तुम्हे सब कुछ बताएंगे।”- जॉर्ज बोला।
“ मुझसे इंतज़ार नही हो रहा, आप लोग पिछले कुछ दिनों से इस ग्रह पर चंद पलो के लिए आते हो, जाने कहाँ चले जाते हो, मैं मेरे ऐसे बर्ताव के लिए क्षमा चाहता हूँ” - अर्थ बोला।
अचानक रक्षक ने धीरे से अपनी आँखे खोली, उसे चारो तरफ अंधेरा नज़र आ रहा था, उसे लग रहा था जैसे वो मर चुका है परन्तु पूरी तरह आंखे खोलते ही उसने खुद को अपने साथियों से घिरा पाया , उसके सीने में वो भाला अब भी चुभा हुआ था।
“कोई इसे तो निकाल देता कम से कम, या मरने के बाद भी मेरे सारे काम मैं ही करूँ?” - रक्षक मुस्कुराकर बोला
रक्षक के जागते ही उस भाले का संबंध रक्षक से टूट गया जिससे उसका बनाया मज़बूत बंध आसानी से टूट गया, और रक्षक ने एक झटके से उसे निकाल लिया, परन्तु वो भाला रक्षक के हाथों में ही समाहित हो गया। सबको बहुत आश्चर्य हो रहा था, परन्तु जय ने इशारा किया कि कोई इस बारे में अभी बात न करे।
जैक - “परन्तु ये कैसे हो सकता है, कोई काली शक्ति श्वेत शक्ति के अंदर कैसे समाहित हो सकती है।”
“कुछ सवालों के जवाब वक़्त को देने दो जैक!, हम सबकुछ नही जान सकते।” - जय जैक को समझाने के स्वर में बोला।
“परन्तु ये आश्चर्यजनक है, ऐसा कैसे सम्भव हो सकता है?” - सबने एक साथ जय से पूछा, स्वयं रक्षक ने भी यही सवाल किया।
जय के पास इसका कोई जवाब नही था, शायद वक़्त के पास इसका कोई जवाब हो।
“भाई लोग तुम सब इधर बहुत देर कर रेले हो, मेरे विचार से सबको पैलेस के लिए निकलना चाहिए।”- यूनिक बोला जो अब यान नही बल्कि दो पैर दो हाथ वाला एक बड़ा सा रोबोट बन चुका था।
“ओये सॉरी! माफ करना रक्षक भिड़ू, अपुन को इधर पानी नही मिला नही तो अपुन तेरे को पहले ही जगा देता, अपुन जानता है अपना भिड़ू इतनी आसानी से अपुन को छोड़कर नही जाने वाला।”
“कोई बात नही है यूनिक, मुझे खुशी है कि तुम्हे मेरी इन गधों से ज्यादा परवाह है” रक्षक हँसते हुए बोला।
अंश रक्षक को ऐसे बातें करते देख विस्मित हुआ, परन्तु अभी कुछ देर पहले जो माहौल था वो पूरी तरह बदल गया, सब खुश नजर आ रहे थे
“ये कौन सी भाषा बोल रहे हो यूनिक.., और पानी कौन सी दवा का काम करती है?”- जैक बोला
“कौन सी मतलब... अपुन इच का जो मूड होयेगा अपुन वही बोलेगा, कोई पिरोबेलम है तो बोलो..”- यूनिक नशे में डूबे आदमी की तर्ज पर, जैक को उठाकर उसकी आँखों मे देखता हुआ बोला। “ और पानी वो दवा है जिसमें अपुन को डूबने का दिल करता है हे हे है…..…।”
“तो अब क्या मेरी आंखों में डुबकी लगानी है, क्या!” - जैक गुर्राया।
“लगा लेंगे मेरी जान! यही इच्छा है तो पूरी कर देते हैं।”- यूनिक इठलाते हुए बोला।
“यार बोला था न इसकी अन्तरब्रह्मण्डिय भाषा मशीन बिगड़ गयी है, लेकिन कोई मानता ही नही।”- जीवन बोला।
“ऐसा कुछ नही है, ये बस धरती से दुबारा लौटकर आने का नतीजा है।” - जय बोला।
“धरती से दुबारा लौटकर, आप लोग वहां दुबारा क्यों गए थे और अब ये क्या बकवास लगा दिए आप लोग, आज रक्षक की हृदय की धड़कने रुक चुकी थी, और आप सब इतने सामान्य है जैसे यहां कुछ हुआ ही नही है, हमारा ग्रह दांव पर लगा है, कुछ परवाह है किसी को…” - अर्थ गुस्से में बोला।
“तो इतना अधिक गंभीर होने से undead या अंधेरे का बेटा यहां से चले जाएंगे क्या? अपने मस्तिष्क को स्फूर्ति और नई ऊर्जा देने के लिए सामान्य होना जरूरी है, अन्यथा युद्ध लड़ने से पहले ही हार जाओगे।” - स्कंद बोला।
“ एक काम अधूरा था, वही पूरा करने गए थे, लेकिन यूनिक इतना ज्यादा इंटेलिजेंट होने के बाद भी बच्चों वाली हरकते करता रहता है।” - जय ने जवाब दिया
“बच्चा ही तो है ये , माना कि मशीन है पर ये जीवित धातु का बना हुआ है, इसमें ब्रह्मांड का सारा ज्ञान भरा हुआ है, मस्तिष्क बहुत ही विशाल और तेज़ है परन्तु फिर भी ये बच्चा ही है। मैं जानता हूँ अपना ही तो बच्चा है।”- जीवन इठलाते हुए ऐसे बोला जैसे यूनिक का मज़ाक उड़ा रहा हो।
( यूनिक भले ही एक मशीन है परन्तु वो ब्रह्मांड की सभी भावनाओ को समझ सकता है, उसे मज़ाक करना बहुत पसंद है क्योंकि उसको बनाने वाला भी एक महान वैज्ञानिक जो कि बहुत ही ज्यादा सनकी और मज़ाकिया किस्म का था, इसलिए यूनिक में भी ऐसे फंक्शन डाल दिये जो भावनाओ को गहराई से समझ सके और हर मुसीबत को हल करने का योजना बना सके।)
“अपुन ने सवाल किया था मतलब अपुन ने बोला था कि पैलेस चलना है सबको, देखो अपुन एक बड़ा सा जहाज बना रेला है।”- यूनिक ने उनको अपनी बात याद दिलाई और एक जहाज बना दिया।
यूनिक के पास कुछ भी बना सकने की टेक्नोलॉजी है, उसके पास कुछ छोटे छोटे घनाकार जीवित धातु के टुकड़े हैं जिन्हें वक़्त आने पर वो कुछ भी बना सकते है, जो की उसके मस्तिष्क में फीड है।
“उसे वापस छोटा करके रख लो यूनिक, और यही हमारे रुकने की व्यवस्था करो।” - जॉर्ज बोला
“ जो हुकुम मेरे सरकार, चादर खटिया, बिछौना और का का लगाए बोलिये काका…”- यूनिक हंसते हुए बोला और जहाज को छोटा करके वापस रख लिया, फिर वहां महल बनाने की तैयारी करने लगा।
“तो इसका मतलब आज सब यही रुकेंगे?”- अर्थ बोला “और यही बकवास करेंगे या कल के लिए कोई योजना बनाएंगे।”
“नही इसका मतलब अपुन लोग घर नही जाएंगे”- किसी के बोलने से पहले यूनिक बोला , “ बल्कि यहीं पर एक घर बनाएंगे।”
यूनिक ने अपने ही अंदर से दो घन (क्यूब) आकर के टुकड़ो को निकाला और अपने हाथ पर लगे कंप्यूटर स्क्रीन से डायग्राम तैयार करने लगा, थोड़े ही देर में जीवित धातु के वो क्यूब बड़ा आकार लेने लगे और किसी महल के बैठक कक्ष जितना बड़ा रूप धारण कर लिए।
अब यूनिक उसकी सजावट करने लगा, थोड़ी देर बाद युद्धस्थल में महल नजर आने लगा, जो बिल्कुल नया और सज्ज था। यह महल इतना बड़ा था कि वहां उपस्थित सारे लोग आसानी से रह सकते थे।
सब आसानी से प्रवेश कर गए पर 12 फुट ऊँचा यूनिक 8 फुट के दरवाजे में झुकने के बाद भी नही घुस पा रहा था।
“जब अपुन बना रेला था तो अपुन का ध्यान अपुन पर ही नही था, फिर भी कोई न किसे परवाह है मेरी देखो सब अंदर जाकर कैसे मज़े से बैठ गए। अपुन अपुन को छोटा कर लेता है। लो अब आ गया अंदर हीहीही….” बच्चों के जैसी बातें करते हुये यूनिक ने सबसे अंत मे प्रवेश किया।
“कोई इसका वॉइस मॉड्यूलेटर ठीक करेगा या मैं तोड़ दूं।” - जीवन गुस्से से बोला क्योंकि अगर 4J में किसी की यूनिक से नही बनती तो वो जीवन ही था।
जय यूनिक के हाथ पर लगे कंप्यूटर स्क्रीन पर कुछ करता है जिससे यूनिक की भाषा फिर उसके मुख्य भाषा पर सेट हो जाती है।
“तो अब योजना बनाई जाए..”- अंश, रक्षक से बोला।
“नही!, पहले हमें undead के बारे में सबकुछ जानना होगा, उसकी ताकत उसकी कमज़ोरी और उसकी अमरता का राज भी।”- रक्षक बोला।
“यानी तुम सब सुन रहे थे..?”सबने विस्मित होकर पूछा।
“हाँ!” - रक्षक बोला। “मैं अपनी हृदय गति को शून्य कर सकता हूँ, दरअसल ये मुझे आज ही पता चला कि मैं ऐसा भी कर सकता हूँ।”
“अभी undead के बारे में हमे विस्तार से सबकुछ बताओ आओ आप लोग”- अर्थ ने 4J से कहा।
“हाँ तो सुनो!” जय ने कहना प्रारम्भ किया'- “undead हमेशा से काली शक्तियों का तरफदार नही था, ना ही उसका असली नाम undead है ,वह……”
तभी ….
…….सर्र्रर्रर्र सूऊऊ
अभी जय आपनी बात पूरी भी न कर पाया था कि इस विचित्र आवाज ने सबका ध्यान भंग कर दिया ,और सभी आवाज की दिशा में घूम गए ।
उन्होंने वहां जो देखा उसे देखकर विस्मित से रह गए …….
Niraj Pandey
09-Oct-2021 12:13 AM
बेहतरीन👌
Reply
Shalini Sharma
01-Oct-2021 08:06 PM
Nice
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